See also ebooksgratis.com: no banners, no cookies, totally FREE.

CLASSICISTRANIERI HOME PAGE - YOUTUBE CHANNEL
Privacy Policy Cookie Policy Terms and Conditions
सुभाष काक - विकिपीडिया

सुभाष काक

विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से

सुभाष काक
सुभाष काक

सुभाष काक (जन्म 26 मार्च 1947) भारतीय-अमेरिकन प्रमुख कवि, दार्शनिक और वैज्ञानिक हैं। उनके कई ग्रन्थ वेद, कला और इतिहास पर भी प्रकाशित हुए हैं।

उनका जन्म श्रीनगर, कश्मीर में और शिक्षा कश्मीर और दिल्ली में हुई। १९७९ से वे अमेरिका के लुईज़ियाना प्रान्त में वैद्युत अभियांत्रिकी के प्रोफेसर हैं।

अनुक्रम

[संपादित करें] कविता और जीवन का मर्म

कविता जीवन के पहेलियों पर प्रकाश डालती है। सुभाष काक की शैली सरल है पर इस सरलता के भीतर विचारों की जटिलता छिपी हुई है। वह प्रकृतिवाद के समर्थक हैं। प्रकृति के माध्यम से वह जटिल मानव भाव प्रस्तुत करते हैं। विख्यात विद्वान और आलोचक गोविन्द चन्द्र पाण्डे ने उनकी कविता की अंग्रेजी के विलियम वर्ड्सवर्थ (William Wordsworth) की रचनाओं से तुलना की है। पाण्डेजी लिखते हैं --

उनकी भाषा और शैली आन्तरिक गाम्भीर्य को सरल प्रासादिकता से प्रस्तुत करती है जैसी कभी शेषनाग सरोवर का सलिल। उनकी भाव-भूमि स्मृतियों की पच्चीकारी से अलंकृत है। उनके बिम्ब प्रकृति और सहज मानवता से बराबर जुडे रहते हैं। इन कविताओं को पढते हुए ऐसा लगता है कि न सिर्फ कवि इक बीते शैशव और सुदूर प्रदेश की स्मृतियों से अभिभूत है बल्कि अपनी सांस्कृतिक धरोहर की बदलती परिस्थिति की आशंकाओं से भी चिन्तित है। उनकी कविताएं अनुभव रस से सिक्त हैं, वे उलझी बौद्धिकता और आन्तरिक विसंगतियों से दुर्बोध नहीं हैं। [१]

उनकी कविता के कई संग्रह प्रकाशित -- और अन्य भाषाओं में अनूदित -- हो चुके हैं। उनकी कविता ने हिन्दी के समकालीन मार्ग और विधि से दूर नये रूप की स्थापना का प्रयत्न किया है।

[संपादित करें] संस्कृति और दर्शन

वे भारतीय विद्या में निपुण और साहित्य, दर्शन, कला, एवं संस्कृति के सहृदय मर्मज्ञ हैं। वेदकाल का बहुत समय से लुप्त उन्होंने एक ज्योतिष ढूंढ निकाला है जिससे भारत की संस्कृति, विज्ञान, और कालक्रम पर नया प्रकाश पडता है। इनमें से सबसे रोचक १०८ अंक, जो भारतीय संस्कृति में बहुत आता है, की व्याख्या है। प्रमुख देवी-देवताओं के १०८ नाम हैं, जपमाला में १०८ दाने, १०८ धाम हैं, आदि। इनके शोध ने दिखाया है कि वैदिक काल में यह ज्ञान था कि सूर्य और चन्द्रमा पृथिवी से क्रमशः लगभग १०८ गुणा निजि व्यास की दूरी पर हैं। आधुनिक ज्योतिष ने तो यह भी दिखाया है कि सूर्य का व्यास पृथिवी के व्यास से लगभग १०८ गुणा है।[२] पिण्ड और ब्रह्माण्ड के समीकरण के कारण मानव अपने व्यक्तिगत आध्यात्मिक यात्रा में भी इस संख्या को पाता है, यह वेद की धारणा है।[३]

इस शोध का विद्वानों ने स्वागत किया है। अमेरिका के वेदपण्डित वामदेव शास्त्री ने इस शोध को स्मारकीय उपलब्धि (monumental achievement) कहा है।[४]

कनाडा के विख्यात आचार्य क्लास क्लास्टरमेयर के अनुसार, "मेरी बहुत देर की समझ थी कि ऋग्वेद में भाषाशास्त्र और इतिहास के परे बहुत कुछ था। यह है वह!... यह एक युगान्तककारी खोज (epoch-making discovery) है।"[५]

उनका दार्शनिक दृष्टिकोण पुनर्गमनवाद से प्रेरित है, जिसके अनुसार विश्व में प्रतिरूप विभिन्न अनुमाप में पुनरावृत, अथवा दोहरते, हैं, और कवि और कलाकार इसीका चित्रण करते हैं। इसका प्रयोग कर उन्होंने भारतीय कला और संस्कृति की विवेचना की है। [६] [७] उनके अनुसार पुनर्गमन ही विश्व का समझना सम्भव करता है।

वे संस्कृत के भी विद्वान हैं, इस भाषा में उन्होंने वेदान्त के नए सूत्र (प्रज्ञा सूत्र) की रचना की है।

[संपादित करें] विज्ञान की सीमाएं

विज्ञान में इनका योगदान भौतिक शास्त्र और संगणन शास्त्र पर हुआ है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धि (en:Artificial Intelligence) की सीमा पर शोध किया है और वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि संगणक बुद्धि कभी भी नहीं मानव बुद्धि की सीमा पर पहुंच सकती है। [८] उनके अनुसार भौतिक सिद्धान्तों का एकीकरण - जो पिछले कुछ दशकों में विज्ञान का प्रमुख लक्ष्य रहा है - असफल रहेगा। पार्थव और आध्यात्मिक में निरन्तर द्वन्द्व बना रहेगा।

आजकल वह अपने यमल परोक्षक के समाधान के कारण समाचार पत्रों में बहुत चर्चित रहे हैं।[९]

[संपादित करें] ग्रन्थ

[संपादित करें] अन्य ग्रन्थ

  • The Nature of Physical Reality भौतिक तथ्यता का स्वरूप (1986)
  • Patanjali and Cognitive Science पतञ्जलि और प्रज्ञान शास्त्र (1987)
  • India at Century's End भारत शताब्दी के अन्त में (1994)
  • en:In Search of the Cradle of Civilization सभ्यता के स्रोत की ढूंढ (1995, 2001)
  • en:The Astronomical Code of the Rigveda ऋग्वेद का कूट-ज्योतिष (2000)
  • Computing Science in Ancient India प्राचीन भारत का संगणन शास्त्र (2001)
  • The Wishing Tree: The Presence and Promise of India कल्पतरु: भारत की उपस्थिति एवं प्रतिश्रुति (2001)
  • The Gods Within आन्तरिक देवता (2002)
  • The Asvamedha अश्वमेध यज्ञ (2002)
  • en:The Architecture of Knowledge तत्त्व वास्तुशास्त्र (2004)
  • Recursionism and Reality पुनर्गमनवाद और याथार्थ्य (2005)

[संपादित करें] साक्षात्कार

[संपादित करें] संदर्भ

  1. गोविन्द चन्द्र पाण्डे, प्राग्वाच, एक ताल, एक दर्पण, १९९९
  2. सु. काक,Birth and Early Development of Indian Astronomy. [1] In "Astronomy Across Cultures: The History of Non-Western Astronomy", Helaine Selin (editor), Kluwer Academic, Boston, 2000, pp. 303-340.
  3. सु. काक, ऋग्वेद का कूट-ज्योतिष (2000)
  4. 'दि एस्ट्रोनोमिकल कोड आफ दि ऋग्वेद' के जिल्द से, मुंशीराम मनोहारलाल, नई दिल्ली, २०००।
  5. 'दि एस्ट्रोनोमिकल कोड आफ दि ऋग्वेद' के जिल्द से, मुंशीराम मनोहारलाल, नई दिल्ली, २०००।
  6. सु. काक, रीति और यज्ञ
  7. सु. काक, संगीत
  8. सु. काक, मानव और कृत्रिम बुद्धि, ACM Ubiquity, 2005
  9. फिज़-ओर्ग

[संपादित करें] बाह्य कडियां


aa - ab - af - ak - als - am - an - ang - ar - arc - as - ast - av - ay - az - ba - bar - bat_smg - bcl - be - be_x_old - bg - bh - bi - bm - bn - bo - bpy - br - bs - bug - bxr - ca - cbk_zam - cdo - ce - ceb - ch - cho - chr - chy - co - cr - crh - cs - csb - cu - cv - cy - da - de - diq - dsb - dv - dz - ee - el - eml - en - eo - es - et - eu - ext - fa - ff - fi - fiu_vro - fj - fo - fr - frp - fur - fy - ga - gan - gd - gl - glk - gn - got - gu - gv - ha - hak - haw - he - hi - hif - ho - hr - hsb - ht - hu - hy - hz - ia - id - ie - ig - ii - ik - ilo - io - is - it - iu - ja - jbo - jv - ka - kaa - kab - kg - ki - kj - kk - kl - km - kn - ko - kr - ks - ksh - ku - kv - kw - ky - la - lad - lb - lbe - lg - li - lij - lmo - ln - lo - lt - lv - map_bms - mdf - mg - mh - mi - mk - ml - mn - mo - mr - mt - mus - my - myv - mzn - na - nah - nap - nds - nds_nl - ne - new - ng - nl - nn - no - nov - nrm - nv - ny - oc - om - or - os - pa - pag - pam - pap - pdc - pi - pih - pl - pms - ps - pt - qu - quality - rm - rmy - rn - ro - roa_rup - roa_tara - ru - rw - sa - sah - sc - scn - sco - sd - se - sg - sh - si - simple - sk - sl - sm - sn - so - sr - srn - ss - st - stq - su - sv - sw - szl - ta - te - tet - tg - th - ti - tk - tl - tlh - tn - to - tpi - tr - ts - tt - tum - tw - ty - udm - ug - uk - ur - uz - ve - vec - vi - vls - vo - wa - war - wo - wuu - xal - xh - yi - yo - za - zea - zh - zh_classical - zh_min_nan - zh_yue - zu -