सूत्र
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सूत्र, किसी बड़ी बात को अतिसंक्षिप्त रूप में अभिव्यक्त करने का तरीका है। इसका उपयोग साहित्य, व्याकरण, गणित, विज्ञान आदि में होता है। सूत्र का शाब्दिक अर्थ धागा या रस्सी होता है। जिस प्रकार धागा वस्तुओं को आपस में जोड़कर एक विशिष्ट रूप प्रदान करतअ है, उसी प्रकार सूत्र भी विचारों को सम्यक रूप से जोड़ता है।
हिन्दू (सनातन धर्म) में सूत्र एक विशेष प्रकार की साहित्यिक विधा का सूचक भी है। जैसे पतंजलि का योगसूत्र और पाणिनि का अष्टाध्यायी आदि। सूत्र साहित्य में छोटे-छोटे किन्तु सारगर्भित वाक्य होते हैं जो आपस में भलीभांति जुड़े होते हैं। इनमें प्रायः पारिभाषिक एवं तकनीकी शब्दों का खुलकर किया जाता है ताकि गूढ से गूढ बात भी संक्षेप में किन्तु स्पष्टता से कही जा सके। प्राचीन काल में सूत्र साहित्य का महत्व इसलिये था कि अधिकांश ग्रन्थ कंठस्थ किये जाने के ध्येय से रचे जाते थे; अतः इनका संक्षिप्त होना विशेष उपयोगी था। चूंकि सूत्र अत्यन्त संक्षिप्त होते थे, कभी-कभी इनका अर्थ समझना कठिन हो जाता था। इस समस्या के समाधान के रूप में अनेक सूत्र ग्रन्थों के भाष्य भी लिखने की प्रथा प्रचलित हुई। भाष्य, सूत्रों की व्याख्या (commentary) करते थे।
बौद्ध धर्म में सूत्र उन उपदेशपरक ग्रन्थों को कहते हैं जिनमें गौतम बुद्ध की शिक्षाएं संकलित हैं।
अनुक्रम |
[संपादित करें] कुछ सूत्र ग्रन्थों की सूची
[संपादित करें] वेदांग
* शिक्षा सूत्र (phonetics) * छन्द (metrics) * व्याकरण (grammar) o अष्टाध्यायी - यह पाणिनि द्वारा रचित व्याकरण का सूत्र ग्रन्थ है।
* निरुक्त (etymology) * ज्योतिष (astrology) * कल्प (ritual) o श्रौत सूत्र - यज्ञ करने से सम्बन्धित o स्मार्त सूत्र + गृह्य सूत्र - घरेलू जीवन से सम्बन्धित् + समयचारिका या धर्मसूत्र # शुल्ब सूत्र, यज्ञशाला का शिल्प
[संपादित करें] हिन्दू दर्शन
* योगसूत्र * न्यायसूत्र * वैशेषिक सूत्र * पूर्व मीमांसा सूत्र * न्रह्मसूत्र या वेदान्त सूत्र - (वादरायण द्वारा रचित)
[संपादित करें] बौद्ध धर्म से सम्बन्धित सूत्र
सूत्र पिटक
[संपादित करें] इन्हें भी देखें
- पतन्जिल योगसूत्र
- वात्स्यायन कृत कामसूत्र