उषा राजे सक्सेना
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उषा राजे सक्सेना युनाइटेड किंगडम मे बसी भारतीय मूल की लेखक है। वे भारत में भी काफी लोकप्रिय है। लक्ष्मीमल सिंघवी, कमलेश्वर, शिवमंगल सिंह `सुमन', रामदरश मिश्र, हिमांशु जोशी, अशोक चक्रधर, चित्रा मुद्गल एवं हरीश नवल जैसे साहित्यकारों ने समय-समय पर उषा राजे के साहित्य की सराहना की है। कहानी, कविता, लेख जैसी विधाओं में उषा राजे ने अपनी एक शैली विकसित की है। उनकी कहानियों की एक पहचान है कि उन्हें यात्रा में कोई चरित्र मिलता है जो उन्हें या तो अपनी कहानी सुनाता है या वो कुछ ऐसा कर जाता है जिससे उषा राजे को कहानी मिल जाती है। उषा राजे ने अपनी कहानियों के लिए एक नई भाषा विकसित की है जिसमें हिन्दी, उर्दू एवं अंग्रेजी के शब्दों की छौंक महसूस की जा सकती है। उनके अब तक दो कहानी संग्रह एवं दो कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं।
मिट्टी की सुगंध नामक कहानी संग्रह संपादित कर उषा राजे सक्सेना ने युनाइटेड किंगडम के कथाकारों को पहली बार एक संगठित मंच प्रदान किया। वे `पुरवाई' पत्रिका की सह-संपादिका हैं। उषा राजे सक्सेना के साहित्य पर भारत में एम. फिल. की जा चुकी है। उषा राजे सक्सेना की नवीनतम पुस्तक ब्रिटेन में हिन्दी ने पहली बार यू.के. में हिन्दी भाषा और साहित्य को एक ऐतिहासिक परिपेक्ष्य में रखने का प्रयास किया है। उनकी इस पुस्तक का भारत एवं ब्रिटेन में समान स्वागत हुआ है।
[संपादित करें] यह भी देखें
- प्रवासी हिंदी साहित्य
- ब्रिटेन का प्रवासी हिंदी साहित्य
- आधुनिक हिंदी गद्य का इतिहास
- आधुनिक हिंदी पद्य का इतिहास
- आधुनिक हिंदी का अंतर्राष्ट्रीय विकास
- हिंदी साहित्य
[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ
- लोकप्रिय प्रवासी कथाकार व उनकी रचनाएं
- लोकप्रिय प्रवासी कवि व उनकी कविताएँ
- यू के में हिंदी:उद्भव और विकास
ब्रिटेन के प्रवासी हिंदी लेखक |
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