राजतरंगिणी
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राजतरंगिणी, कल्हण द्वारा रचित एक संस्कृत ग्रन्थ है। इसका शाब्दिक अर्थ है - राजाओं की नदी और भावार्थ है - राजाओं का इतिहास या समय-प्रवाह । यह कविता के रूप में है। इसमें कश्मीर का इतिहास वर्णित है जो महाभारत काल से आरम्भ होता है। इसका रचना काल सन ११४७ से ११४९ तक बताया जाता है।
[संपादित करें] वाह्य सूत्र
- राजतरंगिणी - भारत के डिजिटल पुस्तकालय पर राजतंगिणी का संस्कृत पाठ (स्कैन कापी)
- राजतरंगिणी, भाग-१ - भारत के डिजिटल पुस्तकालय पर राजतंगिणी का संस्कृत पाठ (स्कैन कापी)
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