वार्ता:भारतीय संविधान
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[संपादित करें] सुधार की आवश्यता
मैंने इस लेख के सुधारने की कोशिश की लेकिन सफलता मिलना आसान नहीं। मैंने कुछ हिस्सा अलग पृष्ठ पर भी रखा है। ऐसा लगता है कि अलग पृष्ठ रखा गया हिस्सा ठीक है। बाकी हिस्सो को भी संशोधित होने के बाद इसी प्रकार अलग होना चाहिए। मालूम नहीं यह लेख मौलिक रुप से लिखा गया है या अनुवाद है। अगर यह अंग्रेज़ी विकि का अनुवाद है तो अनेक स्थानों पर या तो गलत है या अस्पष्ट है। अगर किसी के पास मूल रूप से हिंदी में यह लेख हो तो यहाँ रखें। अनेक स्थानों पर अधूरा है उदाहरण के लिए शीर्षक है भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषतायें लेकिन उसके आगे विशेषताएँ गायब हैं। कृपया यह सब सुधारने में मदद करें। --पूर्णिमा वर्मन ०८:०८, १ मार्च २००८ (UTC)
[संपादित करें] भ्रष्टाचार ओर गरीबाई
कीसी भी डेमोक्रेटीक ओर रीपब्लीक देश में स्वतंत्र होने के बाद प्रथम काम गरीबाई ओर भ्रष्टाचार हटना चाहिये । भारत में ऐसा नहीं हुआ है । भावी नागरीक उसके लिये संविधान को जिम्मेदार तो नहीं गीनेगें? Vkvora2001 १५:१९, १४ फरवरी २००८ (UTC)
- इस टिप्प्णी पर मेरा विचार है कि "भारत का संविधान किसी भी सूरत में इन कारणों का जिम्मेदार नही हैं । संविधान कोई जादू की छ्डी नही है जो हजारो सालो से चली आ रही गरीबाई ओर भ्रष्टाचार की सूरत को महज ६० सालो मे बदल दे । भरत जैसे सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधता से भरे देश में जहाँ के लिए कहा जाता है कि कोस-कोस मे बोली बदले चार कोस में पानी, में हमारा संविधान एक अद्वितिय और महान निति एवं निर्देश है जो हमे अपने संविधान निर्माताओं से प्राप्त हुए । यदि भारत के महान संविधान का सही-सही और अनुरूप कार्यान्वित केन्द्रिय एवं राज्य सरकारो द्वार किया जाता तो आज भारत में इतनी भी गरीबी ना होती और नाही इतना भ्रष्टाचार जैसा आज हमे देखने को मिलता हैं ।" -- राजीवमास ०५:०७, २६ फरवरी २००८ (UTC)
[संपादित करें] संवीधान की त्रुटीयां
(१) बच्चों की प्राथमीक शीक्षा का प्रावधान कई साल के बाद कीया गया । (२) मानव दुरव्यापार, बदन्धुआ मजदुरी, बाल श्रम नीवारक अधीनीयम कई साल के बाद कीये गये । (३) समानता के अधीकार होते हुए भी अस्पृश्यता नीवारण के लगभग अन्य दस अधीनीयम बनाये गये ओर ऐसे अधीनीयम अब भी बनाना चालु है । (४) अनुच्छेद ५१ए कई साल के बाद बनाया गया । स्मोलपोक्ष हटानेमें भारत सब से अंतीम था और पोलीयो में सब से अंतीम होने की पुरी सम्भावना है । (५) सती प्रथा, देवदासी प्रथा सांस्कृतीक के नाम ही चालु थी । महानगर ओर आर्थीक राजधानी मुंबई में सती के नाम रोड तथा मंदीर है या अब भी नये बनते है । (६) धर्म के नाम वोट मांगने वाले को कई साल कानुन वोट देने बंधी कीया जाता है । छोटे कस्बे गांव की बात क्या, मुंबई में कई जन प्रतीनीधीयोंको कानुन से हटाया गया है । ये है कुछ त्रुटीयां । -- Vkvora2001 १८:१८, २८ फरवरी २००८ (UTC)
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- खैर, मै ये नही चाहता कि मैं भारत के संविधान की विशेष्ताएं गिनांऊ, मै केवल ये चाहता हूँ कि सभी जन जो हमारे देश के हो या चाहे वे किसी भी देश मे रह्ते हो हमारे भारत के संविधान को सकारात्मक दृष्टी से देखें । आपने जो ६ त्रुटीयां, भारत के संविधान में गिनाई हैं उसके आलावा भी ३६ और मिल सकती हैं अगर आप संविधान को नकारात्मक ड्र्ष्टी से देखे लेकिन ये त्रुटीयां ना होकर एक नवीन, विकासशील और गतिशील स्वतंत्र भारत देश की प्राथमिक विधी नियमावली थी (अगर आप सर्व्प्रथम मूल संविधान की बात करे) । आने वाले सालो में और विकास और परिवर्तन होगा इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए संविधान निर्माताओं ने संविधान संशोधन प्रक्रिया को पारिभाषित किया था, जिनके आधार पर इसमें अवसरानुकूल संशोधन होते हैं (अब तक ९४ संशोधन इसी आधार पर हुए हैं और आगे भी होंगे)।
- खैर, मै ये नही चाहता कि मैं भारत के संविधान की विशेष्ताएं गिनांऊ, मै केवल ये चाहता हूँ कि सभी जन जो हमारे देश के हो या चाहे वे किसी भी देश मे रह्ते हो हमारे भारत के संविधान को सकारात्मक दृष्टी से देखें । आपने जो ६ त्रुटीयां, भारत के संविधान में गिनाई हैं उसके आलावा भी ३६ और मिल सकती हैं अगर आप संविधान को नकारात्मक ड्र्ष्टी से देखे लेकिन ये त्रुटीयां ना होकर एक नवीन, विकासशील और गतिशील स्वतंत्र भारत देश की प्राथमिक विधी नियमावली थी (अगर आप सर्व्प्रथम मूल संविधान की बात करे) । आने वाले सालो में और विकास और परिवर्तन होगा इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए संविधान निर्माताओं ने संविधान संशोधन प्रक्रिया को पारिभाषित किया था, जिनके आधार पर इसमें अवसरानुकूल संशोधन होते हैं (अब तक ९४ संशोधन इसी आधार पर हुए हैं और आगे भी होंगे)।
- दूसरे शब्दो में भारत एक लोकतान्त्रिक देश है । यह सर्वप्रथम सरकार का फर्ज है कि संविधान का अनुरूप पालन करे और आवशकता पडने पर संविधान निर्माताओं द्वारा प्रदान की हुई संविधान संशोधन प्रक्रिया का उपयोग करे, सत्ता लौलुपता से बचे और आधुनिक हो (उपरोक्त गिनाई त्रुटीयां इसी से सम्बन्धित है)। साथ ही यह नागरिको का भी फर्ज है कि जागरूक हो । हम नागरिक अपने मौलिक अधिकारो की बात बडे जोर -शोर से करते है, करनी भी चाहिए लेकिन मैलिक कर्तव्यो को भूल जाते है । इसका उदाहरण विकि पर ही उपलब्ध है एक लेखक अपने सदस्य पृष्ट पर गुजरात के सोमनाथ मंदीर के बारे में लिखते है कि "ईस मंदीर के नाश या सत्यानाश के लीये मुहम्मद गजनवी को अफघानीस्तान से आमंत्रीत करता हुं।" । संविधान पर प्रश्न खडा करना बचकाना है, इस्से अच्छा है संविधान को समझा जाए और स्वंय जिम्मेदारी के साथ अपने कर्तव्यों को अपनी आत्मा में अपनाया जाए । मै इसी सोच को भारत के संविधान पर प्रश्न लगाने के लिए इतना सारा जवाब दे रहा हूँ --राजीवमास ०७:०१, २९ फरवरी २००८ (UTC)
- मै श्रीराजीव्मासजी के चिच्हारो से पूरी तरह से सहमत हू । ये Vkvora2001जी यहां अलोक्तांत्रिक और देश्द्रोही भावना से प्रेरित है ओर सिधे-सिधे भावना भदका रहे है । इनके खिलाप कडी कार्य्वाही हिनी च्हाहिए --Dr. Jain ०८:४२, २९ फरवरी २००८ (UTC)
[संपादित करें] सोमनाथ मंदीर
समस्त मानवजात का कलंक स्मारक है । ईसका स्वतंत्र गणतंत्र भारत में नागरीकों के सहकार से नीर्माण हुआ । पंडीत जवाहर लाल नेहरु ने लोक सभाके फ्लोर पर वीरोध भी कीया । कुछ नहीं चला । मस्जीद हटाकर मंदीर नीर्माण में वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद सब साथ हो गये । Vkvora2001 ०७:१८, २९ फरवरी २००८ (UTC)
- माफ् करे आप आपकी बात समझ से परे है मे यहा नया हु लेकीन यह जान्ता हु कि इस प्रकार की बाते भारत के नागरिक की नही हो सक्ते आपकि बातो से देश्द्रोह कि बदबु आ रही है । तथ्य एक तरफ् है लेकिन आप ऐसा कैसे कह स्क्ते हओ कि ईस मंदीर के नाश या सत्यानाश के लीये मुहम्मद गजनवी को अफघानीस्तान से आमंत्रीत करता हुं। विकिपीदिया को आपके इस कृत के लिए सभी भारत्वासियो से माफि मागनी पदेही-- Dr. Jain ०९:१९, २९ फरवरी २००८ (UTC)
[संपादित करें] यह लेख बहुत बडा होता चला जा रहा है
यह तो सभी मानेगे कि पूरा भारतीय संविधान एक ही लेख में समेटना ठीक नहीं रहेगा। अतः मेरा विचार है कि इसके अन्तर्गत आने वाले बडे शीर्षकों पर अलग से लेख लिखा जाय और यहाँ पर उस लेख का नाम उल्लेख कर दिया जाय। अनुनाद सिंह १०:१७, २९ फरवरी २००८ (UTC)
[संपादित करें] लेख की साईज
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- अंग्रेजी में यह लेख ३०,००० बाईट्स में है । हीन्दीमें १,८०,००० बाईट्स हो गये है । अतः कम बाईट्स में सुधार करना जरुरी है । Vkvora2001 १०:४६, २९ फरवरी २००८ (UTC)
[संपादित करें] लेख की साईज
हीन्दीमें साईज १,१९,३०० बाईटस् हो गई है ।
[संपादित करें] भारतीय संविधान : हिन्दी एवम् अंग्रेजीमे
- भारतीय संविधान : हिन्दीमें | http://indiacode.nic.in/coiweb/welcome.html
- अंग्रेजीमें एक ही फाईल के लिये देखें लिन्क | http://indiacode.nic.in/coiweb/fullact1.asp?tfnm=00
- Vkvora2001 १०:५३, २९ फरवरी २००८ (UTC)