नागार्जुन
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नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे. उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र है परंतु हिन्दी साहित्य में वे बाबा नागार्जुन के नाम से मशहूर रहे हैं.
- जन्म : १९११ ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन ग्राम तरौनी, जिला दरभंगा में। परंपरागत प्राचीन पद्धति से संस्कृत की शिक्षा। सुविख्यात प्रगतिशील कवि एवं कथाकार। हिन्दी, मैथिली, संस्कृत और बांग्ला में काव्य रचना। मातृभाषा मैथिली में "यात्री" नाम से लेखन। मैथिली काव्य संग्रह "पत्रहीन नग्न गाछ" के लिये साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित।
- छः से अधिक उपन्यास, एक दर्जन कविता संग्रह, दो खण्ड काव्य, दो मैथिली;(हिन्दी में भी अनूदित)
- कविता संग्रह, एक मैथिली उपन्यास, एक संस्कृत काव्य "धर्मलोक शतकम" तथा संस्कृत से कुछ अनूदित कृतियों के रचयिता।
- निधन : ५ नवम्बर १९९८ ।
अनुक्रम |
[संपादित करें] पुरस्कार
नागार्जुन को १९६५ में साहित्य अकादमी पुरस्कार से उनके ऐतिहासिक मैथिली रचना पत्रहीन नग्न गाछ के लिए १९६९ में नवाजा गया था। उन्हें साहित्य अकादमी में ने १९९४ में साहित्य अकादमी फेलो के रूप में नामांकित कर भी सम्मानित किया था।
[संपादित करें] प्रमुख साहित्यिक उपलब्धियां
[संपादित करें] कविता संग्रह
- युगधारा
- सतरंगे पंखों वाली
- तालाब की मछलियां
- खिचडी विपल्व देखा हमने
- हजार-हजार बाहों वाली
- पुरानी जूतियों का कोरस
- तुमने कहा था
- आखिर ऐसा क्या कह दिया मैंने
- इस गुबार की छाया में
- ओम मंत्र
[संपादित करें] उपन्यास
- रतिनाथ की चाची
- बलचनमा
- बाबा बटेसरनाथ
- नयी पौध
- वरुण के बेटे
- दुखमोचन
- उग्रतारा
- कुंभीपाक
- पारो
- आसमान में चांद तारे
[संपादित करें] निबंध संग्रह
- अन्न हीनम क्रियानाम
[संपादित करें] मैथिली रचनायें
- पत्रहीन नग्न गाछ (कविता संग्रह)
- हीरक जयंती (उपन्यास)
[संपादित करें] बाहरी लिंक
- नागार्जुन की रचनायें
- हिन्दी साहित्य के श्रेष्ठ कवियों की उत्कृष्ट रचनाओं का उत्तम संकलऩ
- लोक-सरोकारों के कवि नागार्जुन
- नागार्जुन के काव्य की भाव-भूमि और भाषा
- नागार्जुन की रचनाएँ कविता कोश में
अज्ञेय | नागार्जुन | त्रिलोचन | शमशेर बहादुर सिंह | गजानन माधव मुक्तिबोध | केदारनाथ अग्रवाल | भवानी प्रसाद मिश्र | नरेश मेहता | सर्वेश्वर दयाल सक्सेना