गिरीश कर्नाड
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गिरीश कर्नाड (जन्म 19 मई, 1938 माथेरान, महाराष्ट्र) भारत के जाने माने समकालीन लेखक, अभिनेता, फिल्म निर्देशक और नाटककार हैं। कन्न्ड़ और अंग्रेजी भाषा दोनों में इनकी लेखनी समानाधिकार से चलती है। 1998 में ज्ञानपीठ सहित पद्मश्री व पद्मभूषण जैसे कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता कर्नाड द्वारा रचित तुगलक, हयवदन, नागमंडल व ययाति जैसे नाटक अत्यंत लोकप्रिय हुये और भारत की अनेकों भाषाओं में इनका अनुवाद व मंचन हुआ है।
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[संपादित करें] आरंभिक जीवन
एक कोंकणी भाषी परिवार में जन्में कर्नाड ने 1958 में धारवाड़ स्थित कर्नाटक विश्वविद्यालय से स्नातक उपाधि ली। इसके पश्चात वे एक रोड्स स्कॉलर के रूप में इंग्लैंड चले गए जहां उन्होंने ऑक्सफोर्ड के लिंकॉन तथा मॅगडेलन महाविद्यालयों से दर्शनशास्त्र, राजनीतिशास्त्र तथा अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वे शिकागो विश्वविद्यालय के फुलब्राइट महाविद्यालय में विज़िटिंग प्रोफ़ेसर भी रहे।
[संपादित करें] कार्य
[संपादित करें] साहित्य
कर्नाड की प्रसिद्धि एक नाटककार के रूप में ज्यादा है । कन्नड़ भाषा में लिखे उनके नाटकों का अंग्रेजी समेत कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। एक खास बात ये है कि उन्होंने लिखने के लिए ना तो अंग्रेज़ी को चुना, जिस भाषा में उन्होंने एक समय विश्वप्रसिद्ध होने के अरमान संजोए थे, और ना ही अपनी मातृभाषा कोंकणी को। जिस समय उन्होंने कन्नड़ में लिखना शुरू किया उस समय कन्नड़ लेखकों पर पश्चिमी साहित्यिक पुनर्जागरण का गहरा प्रभाव था। लेखकों के बीच किसी ऐसी चीज के बारे में लिखने की होड़ थी जो स्थानीय लोगों के लिए बिल्कुल नयी थी। इसी समय कर्नाड ने ऐतिहासिक तथा पौराणिक पात्रों से तत्कालीन व्यवस्था को दर्शाने का तरीका अपनाया तथा काफी लोकप्रिय हुए। उनके नाटक ययाति (1961, प्रथम नाटक) तथा तुग़लक़ (1964) ऐसे ही नाटकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। तुगलक से कर्नाड को बहुत प्रसिद्धि मिली और इसका कई भारतीय भाषाओं में अनुवाद हुआ।
[संपादित करें] सिनेमा
वंशवृक्ष नामक कन्नड़ फिल्म से उन्होंने निर्देशन की दुनिया में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने कई कन्नड़ तथा हिन्दी फिल्मों का निर्देशन किया। कई फिल्मों में उन्होंने अभिनय भी किया।
[संपादित करें] प्रमुख फ़िल्में
- इकबाल
[संपादित करें] कृतियां
[संपादित करें] नाटक
- ययाति
- तुगलक
- अग्नि मट्टु माले
- ओदकलु बिम्ब
- अंजुमालिंगे
- मा निषाद
- टीपुविना कनासुगलु
- तालेदंड
- हित्तिना हुंज
- नागमंडल
- हयवदन
[संपादित करें] पुरस्कार तथा उपाधियाँ
[संपादित करें] साहित्य के लिए
- पद्मश्री - 1974
- पद्मभूषण - 1992
- ज्ञानपीठ पुरस्कार - 1998
- कन्नड़ साहित्य अकादमी पुरस्कार - 1992
- साहित्य अकादमी पुरस्कार - 1994
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार - 1972
[संपादित करें] सिनेमा के क्षेत्र में
- फिल्मफेयर अवार्ड - 1978 - सर्वश्रेष्ठ पटकथा (बी. वी. कारत के साथ)
- इसके अतिरिक्त कई राज्य स्तरीय तथा राष्ट्रीय पुरस्कार