कर्नाटक संगीत
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
भारत का संगीत | |
---|---|
शास्त्रीय संगीत | |
कर्नाटक संगीत | |
संगीतकार | |
पुरेन्द्र दास | |
त्रिमूर्ति | |
त्यागराज | |
मुत्थुस्वामी दीक्षितार | |
श्याम शास्त्री | |
वेंकट कवि | |
स्वाथि थिरूनल राम वर्मा | |
मैसूर सदाशिव राव | |
पतनम सुब्रमनिया अय्यर | |
पूची श्रीनिवास अयंगार | |
पापनाशम शिवन | |
गायक-गायिका | |
एम.एस. सुबलक्षमी | |
हिन्दुस्तानी संगीत | |
आधुनिक संगीत | |
फिल्मी संगीत | |
भारत का लोकसंगीत | |
अवधारणाएँ | |
श्रूति | |
राग | |
मेलकर्ता | |
सांख्य | |
स्वर | |
ताल | |
मुद्रा |
कर्नाटक संगीत या संस्कृत में कर्णाटक सङ्गीतं भारत के शास्त्रीय संगीत की दक्षिण भारतीय शैली का नाम है, जो उत्तरी भारत की शैली हिन्दुस्तानी संगीत से काफी अलग है।
कर्नाटक संगीत ज्यादातर भक्ति संगीत के रूप में होता है और ज्यादातर रचनाएँ हिन्दू देवी देवताओं को संबोधित होता है। इसके अलावा कुछ हिस्सा प्रेम और अन्य सामाजिक मुद्दों को भी समर्पित होता है।
जैसा कि आमतौर पर भारतीय संगीत मे होता है, कर्नाटक संगीत के भी दो मुख्य तत्व राग और ताल होता है।
[संपादित करें] इतिहास
[संपादित करें] बाहरी कड़ियाँ
श्रीहरिदास संकीर्तन स्रवंति श्री अन्नमाचारि पदसौरभं - १ श्री अन्नमाचारि पदसौरभं - २