प्रतापनारायण मिश्र
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हिन्दी गद्य साहित्य के सुप्रसिद्ध साहित्यकार प्रतापनारायण मिश्र का जन्म १८५६ ई० में उत्तर प्रदेश के बैज (उन्नाव) में हुआ। प्रतापनारायण मिश्र भारतेन्दु युग के प्रमुख साहित्यकार थे। इनकी मृत्यु १८९४ ई० में हुई।
[संपादित करें] भाषा
खड़ी बोली के रूप में प्रचलित जनभाषा का प्रयोग मिश्र जी ने अपने साहित्य में किया। प्रचलित मुहावरों, कहावतों तथा विदेशी शब्दों का प्रयोग इनकी रचनाओं में हुआ है।
[संपादित करें] शैली
वर्णनात्मक, विचारात्मक तथा हास्य विनोद शैलियों का सफल प्रयोग प्रतापनारायण मिश्र ने अपनी रचनाओं में किया है।
[संपादित करें] रचनाएँ
प्रताप पीयूष, निबन्ध नवनीत, कलि कौतुक, हठी हमीर, भारत दुर्दशा, गौ संकट, जुआरी खुआरी, मन की लहर, प्रताप लहरी, काव्य कानन।
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