राम स्वरूप
विकिपीडिया, एक मुक्त ज्ञानकोष से
राम स्वरूप (1920-26 दिसंबर, 1998) वैदिक परम्परा के प्रमुख बुद्धिजीवी थे। उनके लेखन ने सीता राम गोयल और अन्य कई लेखको को प्रभावित किया।
अनुक्रम |
[संपादित करें] जीवन
वह गर्ग गोत्र, अग्रवाल वंश में जन्मे। उनका जन्म सोनीपत, हरयाणा में सोनीपत, एक धनी परिवार में हुआ, और शिक्षा दिल्ली में, जहां उन्होंने अर्थशास्त्र पढा।
[संपादित करें] शिक्षा
शिक्षा के पश्चात कई वर्ष वह वाम पंथ विचारधारा के प्रभाव में थे। जब उन्हें रूस और चीन में साम्यवाद (कम्यूनिज्म) के नाम पर अत्याचार के बारे में ज्ञाति हुई, वह साम्यवाद के विरोधी हुए, और उन्होंने इसके विरुद्ध कई ग्रन्थ लिखे जिनका प्रभाव अमेरिकी बुद्धिजीवियों पर भी पडा।
वह अविवाहित रहे, और जीवन के दूसरे भाग को उन्होंने धर्म, ज्ञान, और समाज के चिन्तन पर व्यतीत किया।
[संपादित करें] ग्रन्थ
- Let us Fight the Communist Menace (1949)
- Russian Imperialism: How to Stop It (1950)
- Communism and Peasantry: Implications of Collectivist Agriculture for Asian Countries (1950, 1954)
- Gandhism and Communism (1954)
- Foundations of Maoism (1956)
- en:The Word as Revelation: Names of Gods (1980), (1982, revised 1992)
- en:Hindu View of Christianity and Islam
- en:Understanding Islam through Hadis