या सिन
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वर्गीकरण | मक्की |
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नाम का अर्थ | या - सीन [इसका अर्थ है अल्लाह के लिये] |
सूरा संख्या | 36 |
प्रकट होने का समय | मध्य मक्कन काल की अंतिम अवस्था या पैगम्बर मुहम्मद के मक्का रिहायश के अंतिम काल |
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रुकु की संख्या | 5 |
सूरा या-सीन (अरबी: سورة يس) कुरान का 36वां अध्याय है। इसमें 83 आयतें हैं, एवं इसे मक्का में प्रकट किया गया था। इसे कुरान का हृदय माना जाता है।
यह सूरा मुसलमानों द्वारा किसी की मृत्यु के समय पढा़ जाता है।
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पिछला सूरा: फतिर |
कुरान | अगला सूरा: अस-साफ्फत |
सूरा 36 | ||
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[संपादित करें] सन्दर्भ
आधार | कुरान | |||
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[संपादित करें] बाहरी क्डि़याँ
- http://www.mounthira.com/learning/surah/036-yasin/?part=01 Learn Surah Yaseen on MountHira.com with Arabic audio, Arabic text, English translation and English transliteration of the Arabic text
- http://www.theclearpath.com/quraan.php?soorah=36 The Noble Qur'an translation
- Yasin at Altafsir.com (interpretation of the meanings of - Surah Ya-sin) — Arabic text with English translation