गोवर्धन
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गोवर्धन पर्वत उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के अंतर्गत आता है । गोवर्धन व इसके आस पास के क्षेत्र को ब्रज भूमि भी कहा जाता है ।
यह भगवान श्री कृष्ण की लीलास्थली है| यहीं पर भगवान श्री कृष्ण ने द्वापर युग में ब्रजवासियों को इन्द्र के प्रकोप से बचाने के लिये गोवर्धन पर्वत अपनी तर्जनी अंगुली पर उठाया था। गोवर्धन पर्वत को भक्क्तजन गिरिराज जी भी कहते हैं।
आज भी यहाँ दूर दूर से भक्त जन गिरिराज जी की परिक्रमा करने आते हैं । यह ७ कोस की परिक्रमा लगभग २१ किलोमीटर की होती है । मार्ग में पडने वाले प्रमुख स्थल आन्यौर, राधाकुंड, मानसी गंगा, गोविन्द कुंड, पूंछरी का लोटा, दानघाटी इत्यादि हैं ।
परिक्रमा जहाँ से शुरु होती है वहीं पर एक प्रसिद्ध मंदिर भी है।
[संपादित करें] कैसे पहुँचें
जिला मुख्यालय मथुरा से मात्र २० किलोमीटर की दूरी पर है, और हर समय जीप/बस/टेक्सी उपलब्ध रहते हैं । राजस्थान के अलवर शहर से १२० किलोमीटर की दूरी पर, अलवर-मथुरा मार्ग पर स्थित, अलवर से कई बसें उपलब्ध हैं। निकटतम बडा रेलवे स्टेशन- मथुरा जंकशन है।
[संपादित करें] कहाँ ठहरें
गोवर्धन एवं जतीपुरा में कई धर्मशालाएं एवं होटल हैं जहाँ रुकने एवं भोजन की उत्तम व्यवस्था हो जाती है। यद्यपि भक्तों का यहाँ हमेशा ही आना जाना लगा रहता है परंतु पूर्णिमा के आस पास यह संख्या काफी बड़ जाती है। उस समय पर प्रदेश सरकार सुरक्षा एवं सफल परिक्रमा आयोजन के लिये भरसक प्रयास करती है।