यहूदी धर्म
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यहूदी धर्म इस्राइल का राजधर्म है और बहुत ही पुराना मज़हब है । इसी धर्म से इस्लाम और ईसाई धर्म की शुरुआत हुई ।
अनुक्रम |
[संपादित करें] ईश्वर
यहूदी धर्म एक ही ईश्वर को मानता है, जिसे यहूदी याहवेह (YAHWEH / JEHOVAH) कहते हैं । मूर्तिपूजा और दूसरे देवताओं की पूजा को पाप समझा जाता है ।
[संपादित करें] धर्मग्रंथ
यहूदी धर्मग्रंथ इब्रानी भाषा में लिखा गया तनख़ है, जो असल में ईसाइयों की बाइबल का ही पुराना नियम है ।
[संपादित करें] नबी
सन्देशवाहक :
[संपादित करें] मूसा
मूसा को ईश्वर द्वारा दस आदेश मिले थे ।
[संपादित करें] इब्राहिम
इब्राहिम यहूदी, मुसल्मानी और ईसाई--तीनों धर्मों के पितामह माने जाहे हैं ।
[संपादित करें] नूह
नूह ने ईश्वर के आदेश पर महाप्रलय के समय बहुत बड़ी क़िश्ती बनायी थी -- और उसमें सृष्टि को बचाया, जैसा कि राजा मनु ने किया था (हिन्दू मान्यतानुसार) ।
[संपादित करें] मत
यहूदी मृतु के बाद की दुनिया में उतना ध्यान नहीं देते । जो भी हो, उनके हिसाब से सभी मनुष्यों को यहूदी होना ज़रूरी नहीं है, बाकी धर्मावलम्बी भी क़यामत के बाद स्वर्ग जायेंगे ।
[संपादित करें] मज़हबी जद्दोजहद
दुर्भाग्यवश कुछ मुसल्मान और ईसाई लोग यहूदियों से नफ़रत करते हैं, इसके बावजूद कि वो तीनों एक ही ईश्वर को मानते हैं और तीनों का उद्गम एक ही है । हिट्लर ने लाखों यहूदियों को बर्बरतापूर्वक मरवा डाला । आज भी इस्राइल का नामो-निशान अरब देश मिटा देना चाहते हैं । कुछ् यहूदी भी ईसाइयों और मुसल्मानों से घृणा भाव रखते हैं । यहूदी ईसा मसीह को ईश्वर का पुत्र या मसीहा नहीं मानते ।
[संपादित करें] यहूदी त्यौहार
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